जब हम ईस्वी सन् 2018 में स्वामी कृष्णानन्द जलाली इण्टर कॉलेज में संविदा पर पढ़ा रहे थे ।
तब एक बार हिन्दी पढ़ाते समय एक रौशनी नामकी जादौन समुदाय की लड़की ने पूछा जो ग्यारह वीं की
छात्रा थी ।
बोली सर क्या आप अहीर हो?
मैने कहा क्यों?
लड़की बोली सर 'मैं बैसे पूछ रही थीं
सर अहीर तो चोर होते हैं ।
मुझे इस लड़की का दोष नहीं ये लड़की जिस समाज से आया है वहाँ अहीरों के प्रति नफरत है और उन्हें चोर ही कहा जाता है ।
मैंने भी लड़की रौशनी से कहा अहीर चोर नहीं बेटा डकैत होते हैं ।
वास्तव में -जब हम
बाल्य अवस्था में थे ।
तो सुनते थे की गुर्जरों की भाँति अहीर चोर होते है।
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