अन्धक के पुत्र का नाम दुन्दुभि और दुन्दुभि के पुत्र का नाम था अरिद्योत।
अरिद्योत के पुनर्वसु नाम का एक पुत्र हुआ।
पुनर्वसु के दो संतानें थी- पहला आहुक नाम का पुत्र और दूसरा आहुकी नाम की कन्या।
आहुक के देवक और उग्रसेन नामक दो पुत्र हुए।
देवक के देववान, उपदेव, सुदेव,देववर्धन नामकचार पुत्र तथा धृत, देवा, शांतिदेवा, उपदेवा, श्रीदेवा, देवरक्षिता, सहदेवा और देवकी नामक चार कन्यायें थीं।
आहुक के छोटे बेटे उग्रसेन के कंस, सुनामा, न्यग्रोध, कंक, शंकु, सुहू,राष्ट्रपाल, सृष्टि और तुष्टिमान नामक नौ पुत्र और कन्सा, कंसवती, कंका, शुरभु और राष्ट्र्पालिका नामक पाँच कन्यायें।
राजपुताना इतिहास के विलुप्त अध्याय at 03:49
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें