बुधवार, 19 अप्रैल 2017
ऑगस्त कॉम्टे ..
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आगस्त कॉम्त
आगस्त कॉम्त
Auguste Comte by Tony Touillon.
जन्म 19 जनवरी 1798
Montpellier, France
निधन 5 सितम्बर 1857 (उम्र 59)
Paris, France
राष्ट्रियता French
उल्लेखनीय विचार Positivism, law of three stages, encyclopedic law, altruism
से प्रभावित
Bacon, Bichat, Condorcet, Descartes, Saint-Simon
प्रभावित किया
Émile Littré, Karl Marx, John Stuart Mill, Friedrich Nietzsche, Herbert Spencer, Émile Durkheim, Charles Maurras,[1] Harriet Martineau, Pierre Laffitte
आगस्त काँत (Auguste Comte) (19 जनवरी 1798 – 5 सितम्बर 1857) एक फ्रांसीसी विचारक थे। वे समाजशास्त्र के संस्थापकों में से एक हैं। ईसी कारण उन्हे समाजशास्त्र के पिता माना जाता है। उन्होने तथ्यवाद (पॉजिटिविज्म) केविचार का प्रतिपादन किया। उनका दार्शनिक प्रणाली तत्कालीन आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए उचित राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को सही करने कि कोशिश कि। व्यावहारिक पहलू कॉत के सभी दार्शनिक और सामाजिक लेखन मे दिखाई पड़ता है। काँत, हेन्री सैन्ट सिमोन से प्रभावित होकर, प्रत्यक्षवाद के अनुशासन को स्थापित किया ताकि फ्रान्स के समाजिक स्थिति में बदलाव ला सके। काम्ट १९ सदी के प्रमुख, प्रभावशालि विचारक रहे है जिन्होने कार्ल मार्क्स, जॉन स्टुअर्ट मिल, जॉर्ज एलियट के विचार को प्रभावित किया है। इन्की समाज विज्ञान और समाज क्रमागत उन्नति के सन्कल्पना ने आने वाले समाज सिद्धांतवादिओ के लिये एक प्रेरनात्मक मंच प्रस्तुत किया है। परिकल्पना और कार्यान्वयन के बीच का समबन्ध काँत की हर सोच मे दिखाई पदता है, ये हि नही, अनुभववाद और तर्कवाद (रेशनलाईज़्म) का समबन्ध समान दुरि पर हमेशा अटल रहे है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा संपादित करें
आगस्त काँत का जन्म मॉंटपेलीयर, फ्रांस मे हुआ था। Lycée Joffre और मॉंटपेलीयर विश्वविद्यालय (University of Montpellier) मे पढने के बाद, काँत पैरिस के इकोले पॉलीटेक्निक (École Polytechnique) मे प्रावेष किये। सन् १८१६ मे इकोले पॉलीटेक्निक बन्ध हो गया था, उसि समय काँत पेरिस मे हमेशा के लिये बस गये। वहाँ एक अनिश्चित जीवन को, गणित और इतिहास पत्रकारिता सिखा के प्राप्त किया। वे ज़्यदातर दर्शनशास्र और इतिहास के बारे मे पढा करते थे, पर उन्कि रूचि उन विचारकों मे थी जो मानव समाज में कुछ सामाजिक शांति लाने के लिने रास्ता ढुनड् रहे थे।
आजीविक जीवन संपादित करें
सन् १८२६ मे काँत तथ्यवाद पर कई व्याख्यान निजी दर्शकोँ को दिये, परंतू अचानक तांत्रिक विकार होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती हो गये लेकिन उन्कि पत्नी, कैरोलीन Massin जिस से उन्होनें सन् १८२४ मे शादी कि, उनकी मदद से वे जल्द स्वस्थ हो गये। उन्होनें जनवरी सन् १८२९ मे अध्यापन फिर से शुरु किया, यह समय उनके जीवन के दूसरे पहलू कि शुरुआत मानी जाती है, जो १३ साल तक था।
मान्वता के लिये धर्म संपादित करें
काँत ने कुछ साल के पस्च्यात "मान्वता के लिये धर्म" कि स्थापना कि।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
Last edited 2 months ago by प्रसाद साळवे
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